Not known Factual Statements About best hindi story
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एक दिन की बात है रितेश को स्कूल के लिए देरी हो रही थी। वह घास नहीं ला सका, और स्कूल चला गया। जब स्कूल से आया तो खरगोश अपने घर में नहीं था। रितेश ने खूब ढूंढा परंतु कहीं नहीं मिला। सब लोगों से पूछा मगर खरगोश कहीं भी नहीं मिला।
बाघ उसे बहुत कुछ खिलाता था और स्थिति से अनजान, कानन धीरे-धीरे गुफा में घर जैसा महसूस करने लगी। गुफा में एक चूहा भी रहता था। चूहे ने अगले दिन बाघ को कानन को खाने की बात करते हुए सुना। चूहा तुरंत कानन के पास गया और उसे सारी बात बता दी। चिंतित कानन ने चूहे से उसकी मदद करने को कहा । उसने उसे गुफा से बाहर जाने और एक जादूगर मेंढक से मिलने का सुझाव दिया। कहानी आगे बढ़ती है । मेंढक कानन की मदद करने को तैयार हो जाता है। पर बदले मे कानन को अपना सेवक बना लेता है। मेंढक के पास एक जादुई खाल थी।
(एक) बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ी वालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक से धुनते हुए, इक्के वाले चंद्रधर शर्मा गुलेरी
मोरल – विषम परिस्थितियों में भी अपने स्वभाव को नहीं बदलना चाहिए।
नोट–इस अत्यंत संक्षिप्त टिप्पणी में असंख्य अत्यंत महत्वपूर्ण कहानियाँ छूट गई हैं, जिनमें अज्ञेय की 'शरणदाता', 'विपथगा', और 'रोज़', निर्मल वर्मा की 'परिंदे', और 'कौए और कालापानी', अमरकांत की 'बू' और 'ज़िंदगी और जोंक', कृष्णा सोबती की 'यारों के यार' और 'मित्रो मरजानी', काशीनाथ सिंह की 'सुख' और अन्य कहानियां, विनोद कुमार शुक्ल की 'पाठशाला', हिंदी कहानी में अपनी अपूर्व जगह रखनेवाले विरल कथाकार रामनारायण शुक्ल की 'सहारा' और 'खलनायक', राजेंद्र यादव की 'टूटते खिलौने' और 'जहां लक्ष्मी क़ैद है', मन्नू भंडारी, कृष्ण बलदेव वैद, स्वयं प्रकाश, शेखर जोशी, ओम प्रकाश वाल्मीकि, देवेंद्र, शिवमूर्ति, बलराम, अमितेश्वर, व्रजेश्वर मदान, चंद्रकिशोर जायसवाल, जयनंदन, अवधेश प्रीत, प्रियंवद, सृंजय, सनत कुमार ..... सूची बहुत लंबी है.
इस बीच नए युवा कहानीकारों ने नए सिरे से बदले जीवन अनुभवों और बदले यथार्थ को अपनी कहानियों में समेटना शुरू किया है.
चोर बस इतना ही कर के नहीं माने, उन्होंने सभी व्यापारियों को मस्ती के लिए नाचने और गाने के लिए कहा। अचानक व्यापारियों के नेता को एक विचार आया। उन्होंने अपनी गुप्त भाषा के जरिए खुद को बचाने की अपनी योजना बनायी। और फिर व्यापारियों ने चोरों को मुर्ख बना अपना सारा सामान भी वापिस ले लिया और अच्छा सबक भी सिखाया।
संत से कहा – आप जानते हैं बिच्छू का स्वभाव नुकसान पहुंचाने का होता है।
गत वर्ष जब प्रयाग में प्लेग घुसा और प्रतिदिन सैकड़ों ग़रीब और अनेक महाजन, ज़मींदार, वकील, मुख़्तार के घरों के प्राणी मरने लगे तो लोग घर छोड़कर भागने लगे। यहाँ तक कि कई डॉक्टर भी दूसरे शहरों को चले गए। एक मुहल्ले में ठाकुर विभवसिंह नामी एक बड़े ज़मींदार मास्टर भगवानदास
चूहा बोतल पर चढ़ा किसी तरह से ढक्कन को खोलने में सफल हो जाता है। अब उसमें चूहा मुंह घुसाने की कोशिश करता है। बोतल का मुंह छोटा था मुंह नहीं घुसता। फिर चूहे को आइडिया आया उसने अपनी पूंछ बोतल में डाली। पूंछ शरबत से गीली हो जाती है उसे चाट-चाट कर चूहे का पेट भर गया। अब वह गोलू के तकिए के नीचे बने अपने बिस्तर पर जा कर आराम से करने लगा।
(एक) रज्जब क़साई अपना रोज़गार करके ललितपुर लौट रहा था। साथ में स्त्री थी, और गाँठ में दो सौ-तीन सौ की बड़ी रक़म। मार्ग बीहड़ था, और सुनसान। ललितपुर काफ़ी दूर था, बसेरा कहीं न कहीं लेना ही था; इसलिए उसने मड़पुरा-नामक गाँव में ठहर जाने का निश्चय किया। वृंदावनलाल वर्मा
बहुत समय पहले की बात है जब देवी देवता इंसान मिलने धरती पर आते थे। एक गाँव में शायरा नाम की बच्ची अपनी माँ के साथ रहती थी। वह दोनों दूसरों के कपडे धो कर पैसे कमाते थे। शायरा सोच रही थी की इस बार दिवाली पर वह अपनी माँ को क्या उपहार देगी। तभी एक कौवा वहां उड़ता हुआ आया और अपनी चोंच से get more info एक मोतियों का हार गिरा गया। शायरा खुश हो गयी की इस बार वह अपनी माँ को दिवाली पर हार देगी।
विमला खाना परोस रही थी। कमल बैठा पत्र लिख रहा था। वह सोचता था कि जब इसे समाप्त कर लूँगा, तब उठूँगा। देर ही क्या है, कुछ भी तो और अधिक नहीं लिखना है। बस, यही दो-तीन, हाँ दो ही पंक्तियाँ और लिखने को हैं कि फिर मैं हूँ और भोजन। और विमला मन-ही-मन झुँझला भगवतीप्रसाद वाजपेयी
एक दिन शेरू को राहुल ने एक रोटी ला कर दिया।